किसीयुवती के मासिक के रक्त लगे वस्त्र को प्रप्त करके यदि उसमे अपनी अनामिका का रक्त मिलाकर धूप गुग्गल दिखाकर सामनेरखकर यदि चमेली के तेल का दीपक जलाकर गुलाब की पतियों, लौंग, सौंफ, मधु और घी का हवन करते हुए काली का मंत्र 1188 मंत्र का जाप किया जाये, तो वह युक्ती साधक के वश मे हो जाती है और सदा वश मे रहती है |